hanuman chalisa || 7 चमत्कारी लाभ हनुमान चालीसा हिंदी का सात बार पाठ करने का

hanuman chalisa || 7 चमत्कारी लाभ हनुमान चालीसा हिंदी का सात बार पाठ करने का

  
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जय हनुमान जी  ,श्री हनुमान जी के कई नाम हैं,जैसे "बजरंग बलि" पवन पुत्र । हनुमानजी हमारे संकट मोचक है,इनकी पूजा ,आराधना करने से हमारे  सभी भय  संकट  दूर हो जाते है ।बजरंग बली की इन्हीं शक्तियों का गुणगान "श्री हनुमान चालीसा हिंदी में " किया गया है ,जिसे हनुमान चालीसा पाठ भी कहते हैं। हनुमान जी की पूजा हम मंगलवार को करते हैं उसी दिन आप hanuman chalisa lyrics hindi मे भी पढ़ सकते हैं.shri hanuman chalisa का पाठ दिन में सात बार करना चाहिए. हनुमान जी के पूजा के लिए अच्छी मूर्ति, गदा, अच्छा मंदिर लाल सिंदूर, चोला, आदि होना अच्छा होता है.

श्री हनुमान ,बजरंग बलि ,विकिपीडिया :-

श्री राम , विकिपीडिया :-

** हनुमान चालीसा ****


--------दोहा--------


श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारी।
बरनउ रघुबर विमल जसु, जो दयाकु फल चारि ।।
बुधिहिं तनु जान के, सुमिरो पवन- कुमार।
बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार ।।
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---------चौपाई---------


जय हनुमान ज्ञानगुन गन सागर।
जय कपीस तिहूं लोक उजागर ।।

राम दूत अतुलित बलधामा।
अंजनी-पुत्र पवनसुत नामा ।।

महाबीर विक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी ।।

कंचन बरन बिराज सुवेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा ।।

हाथ बज्र औ धवजा बिराजे।
कांधे मुंज जनेऊ साजै ।।

संकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बंदन ।।
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विद्यावान गुनी अती चतुर।
 राम काज करबे को आतुर ।।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया ।।

सूक्ष्म रूप धरी सियही दीखावा।
 विकट रूप धरी लंक जरावा ।।

भीम रूप धरी असुर सँघारे।
 राम चन्द्र के काज सवारे ।।

लाये सजीवन लखन जियाये।
 श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ।।

रघुपति कीन्हि बहूंत बड़ाई।
 तुम मम प्रिये भरथही सम भाई ।।

सहस बदन तुम्हरो जस गावै।
 अस कहि श्रीपति कंठ लगावै ।।

संकादिक ब्रह्मादि मुनिसा।
 नारद सारद सहीत अहिसा ।।

जम कुबेर दिगपाल जहँ ते।
 कवि कोबिद कहि सकै कहा ते ।।

तुम उपकार सुग्रीवही कीन्हा।
 राम मिलाय राजपद दीन्हा ।।

तुम्हारो मंत्र विभीषण माना।
 लंकेश्वर भये सब जग जाना ।।

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जूग सहस्र जोजन पर भानु।
 लील्यो ताहि मधुर फल जानु ।।

प्रभु मुद्रिका मेली मुख माही।
 जलधि लांघि गय अचराज नाहि ।।

दुर्गम काज जगत के जेते।
 सुगम अनुग्रह तुम्हरो तेते ।।

राम दुआरे तुम रखवारे।
  होटना  आज्ञा बिनु पेसारे ।।

सब सुख लहै तुम्हारि सरना।
तुम रक्षक काहु को डर ना ।।

आपन तेज समहारो आपे।
 तिनो लोके हाक ते कांपे ।।

भुत पिसाच निकत नही आवै।
 महावीर जब नाम सुनावे ।।

नासै रोग हरे सब पीरा।
 जपत निरंतर हनुमत विरा ।।

संकट ते हनुमान छुडावे।
 मन कर्म वचन ध्यान जो लावे ।।

सब पर राम तपस्वी राजा।
तिनके काज सकल तुम साजा ।।

और मनोरथ जो कोइ लावे।
सोइ अमित जीवन फल पावे।

चारो जुग प्रताप तुम्हार।
है परसिध जगत उजियारा।

साढ़ु संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।

अष्ट सिध नव निध के दाता।
अस वर दीन्ह जानकी माता ।।

राम रसायंन तुम्हरें पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा ।।

तुम्हरें भजन राम को पावे।
जनम-जनम के दुखे बिसरावे ।।


अन्त काल रघुवर पुर जाई।
जहा जनम हरि भक्त कहाई ।।

और देवता चित न धरई ।।
हनुमत सेइ सरव सुख करई।

संक ट कटे मिटे सब पीरा ।।
जो सुमरे हनुमत बलविरा ।।

जै जै जै हनुमान गोसाईं।
करपा करहु गुरु देव की नाई ।।

जो शत बार पाठ कर कोइ।
छुटही बंदि महा सुख होई ।।

जो यह प ढे हनुमान चालीसा।
 होइ सिद्धि साखी गोरीसा ।।

तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजे नाथ हृदये महा डेरा ।।

*****दोहा*****

पवन तनय संकट हरन, मंगल मुरति रुप।
राम लखन सीता सहित, ह्रदेय बसहु सुर भूप ।।
।। सियावर रामचंद्र की जय ।।

हनुमान जी "प्रभु श्री राम जी"के परम भक्त थे । इसलिए श्री हनुमान जी का पूजा करने से पहले श्री राम जी की पूजा अर्चना अवश्य करना चाहिए।तभी बजरंग बलि जी प्रसन्न होते हैं। hanuman chalisa pdf  बना कर भी आप रख सकते हैं.

हनुमान जी के पूजा की आवश्यक सामग्री


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