MANDIR,SHREE RANGNATH Ji MANDIR Gundy AARA BIHAR| श्री रंगनाथ जी मंदिर गुंडी आरा बिहार |
श्री रंगनाथ जी मंदिर गुंडी आरा
MANDIR,SHREE RANGNATH Ji MANDIR GUNDY AARA BIHAR| श्री रंगनाथ जी मंदिर गुंडी आरा बिहार |
मंदिर, पूजा करने का स्थान है, जहां हम अपने भगवान की पूजा करते हैं।
हमने बहुत ही सुंदर सुंदर मंदिर देखे है, लेकिन अपने देखा होगा कि दक्षिण भारत के मंदिर बहुत सुंदर होते हैं, दक्षिण भारत में एक मंदिर है जो बहुत सुंदर है,जिसका नाम हैभगवान श्री रंगनाथ जी मंदिर
यह मंदिर दक्षिण भारत के श्रीरंगम में है।
इसी प्रकार का एक मंदिर हमारे बिहार में भी है।
इस मंदिर का नाम भी श्री रंगनाथ जी मंदिर है,यह मंदिर बिहार के आरा के गुंडी गांव में स्थित हैं।
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श्री रंगनाथ जी मंदिर का इतिहास:-
बिहार के आरा के गुंडी गांव में एक धर्मात्मा रहते थे,जिनका नाम था चौधरी विशुन देव नारायण सिंह
इन्होने हि इस मंदिर का निर्माण कराया था।
विशुन देव जी बहुत बड़ी रियासत के मालिक थे, लेकिन उन्हें कोई संतान नहीं थी इसलिए वह बहुत दुखी रहते थे, इसलिए वह अपनी सारी जायदाद सम्पत्ति अपने परिजन में बांट कर अपनी पत्नी के साथ संन्यास को जाना चाहते थे,उन्होंने इस बात को अपने मैनेजर श्री गंगा प्रसाद जी को बताई ,
गंगा प्रसाद जी एक धार्मिक व्यक्ति थे उन्होंने कहा कि हजूर हिन्दू रीति रिवाज और कानून के अनुसार आप के बाद सारी जायदाद आपके परिजन को ही मिलेगी ,इसलिए आप पहले तीर्थाटन कर के आइए उसके बाद जो समझ आए कीजिएगा।
श्री विशुन देव जी अपनी पत्नी के साथ दक्षिण भारत की ओर तीर्थाटन के लिए चले गए।
श्री रंगनाथ जी मंदिर गुंडी आरा |
दक्षिण भारत में वह नंगुनेरी मठ जा पहुंचे,जिसे तातेंद्रम के नाम से जाना जाता है।
भर्मण के दौरान ही विशुन देव जी को श्री रामानुजाचार्य संप्रदाय के गुरु श्री तातेंद्रियाम सवामी जी से मिले ,और उनके शिष्य बन गए,
और गुरु जी के आदेश से उन्होंने गुंडी में मंदिर का निर्माण कराया।
श्री रंगनाथ जी मंदिर गुंडी आरा |
गुरु जी ने विशुन देव जी का नाम करण किया ,उनका नाम रामानुजदास और उनकी पत्नी का नाम रामानुजदासी रखा ।
यह घटना लगभग 180 साल पहले की है।
श्री रंगनाथ जी मंदिर निर्माण:-
श्री विशुन देव जी अपनी पत्नी के साथ स्वामी जी के आदेश के बाद अपने गांव गुंडी वापस आ गए,और मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू किया।
श्री रंगनाथ जी मंदिर गुंडी आरा |
मंदिर निर्माण के लिए सभी शिल्पकार स्वामी जी के आदेश से दक्षिण भारत से ही आए थे।
शिल्पकारों के मांग पर मंदिर के लिए पत्थर चुनार से मंगाए गए,जो कि गुंडी गांव से 200 किमी दूर है।
पत्थर तराशने का काम 10 साल तक चला और उसे लाने में 5 साल लग गए।
श्री रंगनाथ जी मंदिर का पत्थर |
मंदिर का शिलान्यास स्वामी ताटेंद्रम जी ने बिहार आ के किया ,वह बिहार 5 दिन रहे ।मंदिर निर्माण का काम शुरू हो गया और श्री विशुन देव नारायण जी की पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई,चारो तरफ खुसी का माहौल हो गया।
मंदिर का निर्माण कार्य 20 साल तक चला।
श्री विशुन देव नारायण सिंह जी भगवान श्री राम जी के भक्त थे,
इसलिए इस मंदिर में भगवान वेंकटेश की पूजा अर्चना होती है।
श्री रंगनाथ जी मंदिर का गोपुरम:-
मंदिर के प्रवेश द्वार पर बने गोपुरम का निर्माण मदुरेई के मीनाक्षी मंदिर के शिल्पकार के
वंशज ने 1808 में किया था। इस मंदिर कि खासियत है कि माघ महीने में जब सूर्य उत्तरायण होते है ,तब 2 दिनों तक सूर्य की किरणें मंदिर की झरोखों से छन कर मंदिर के गर्भ गृह तक पहुंचती है।
मंदिर का निर्माण कार्य 20 वर्ष तक चला। तब जाकर मंदिर बना।
मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा:-
श्री विशुन देव नारायण सिंह जी ने मंंदिर के
प्राण प्रतिष्ठा करने के लिए बड़े बड़े विद्वान को बुलाया , उत्साह के साथ प्राण प्रतिष्ठा का कार्य शुरू हुआ ,वेद ध्वनि से सम्पूर्ण गगन मंडल गूंज उठा।
मंदिर पूजा अर्चना के लिए मद्रास से 25 पुजारी बुलाकर नियुक्त किए गए।जिसमें प्रमुख श्री वेंकट चार, श्री श्रीनिवासाचार्य, थे।
कुछ दिनों बाद श्री विसुन देव नारायण सिंह जी ने ( प्राण प्रतिष्ठा के दिन ) देह त्याग दिया ।
उनके जाने के बाद भी मंदिर में वेंकटेश भगवान की पूजा उसी तरह होती रही ।
यह मंदिर श्री रंगनाथ जी बड़ी मंदिर आज भी गुंडी आरा बिहार के गांव में स्थित है , जहां भगवान वेंकटेश की पूजा आज भी होती है।
श्री रंगनाथ जी मंदिर गुंडी आरा |
श्री रंगनाथ जी मंदिर गुंडी आरा |
श्री रंगनाथ जी मंदिर गुंडी आरा |
श्री रंगनाथ जी मंदिर गुंडी आरा |
श्री रंगनाथ जी मंदिर गुंडी आरा |
श्री रंगनाथ जी मंदिर गुंडी आरा |
श्री रंगनाथ जी मंदिर गुंडी आरा |
श्री रंगनाथ जी मंदिर गुंडी आरा |
श्री रंगनाथ जी मंदिर गुंडी आरा |
श्री रंगनाथ जी मंदिर गुंडी आरा |
श्री रंगनाथ जी मंदिर गुंडी आरा |
श्री रंगनाथ जी मंदिर गुंडी आरा |
जय रंगनाथ जी
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